◆ध्वनि तरंग अनुदैर्ध्य यांत्रिक तरंगे होती है
ध्वनि तरंगों के प्रकार:
1अवश्रव्य तरंगे(infrasonic Waves):
20 Hz से नीचे की आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को अवश्रव्य तरंगे कहते है। ये हमारे कानो द्वारा नही सुनी जा सकती है। इस प्रकार की तरंगो को बहुत बड़े आकार के स्रोतों के द्वारा उत्त्पन्न किया जाता है।
2.श्रव्य तरंगे(Audible waves):
20 Hz से 20,000 Hz के बीच की जो तरंगे होती है। श्रव्य तरंगे कहलाती है । ये हमारे कानो द्वारा सुनी जा सकती है।
3.पराश्रव्य तरंगे(Ultrasonic waves):
20,000 Hz से ज्यादा की आवृत्ति वाली तरंगो को पराश्रव्य तरंगे कहा जाता है। मनुष्य द्वारा ये तरंगे नही सुनी जा सकती हूं। परन्तु कुछ जानवर जैसे_कुत्ता, बिल्ली, चमगादड़ आदि कुछ जीव इसे सुन सकते है। इन तरंगो को सबसे पहले डाल्टन ने सीटी बजाकर उत्त्पन्न किया था।इन तरंगो की आवृत्ति बहुत ज्यादा होती है तथा इनकी ऊर्जा भी बहुत ज्यादा होती है। तथा इनका तरंग दैध्र्य कम होती है जिसके कारण इन तरंगो पतले किरण पुंज के रूप में दूर तक भेज सकते है
पराश्रव्य तरंगो के उपयोग:
1.संकेत भेजने में भेजने में इनका उपयोग होता है।
2.समुन्द्र की गहराई पता लगाने में।
3.कीमती कपड़ो, वायुयानों तथा घड़ियों के पुर्जो को साफ करने में
4.दूध में से हानिकारक जीवाणुओ को नष्ट करने में
ध्वनि की चाल:
●विभिन्न माध्यमों में ध्वनि की चाल भिन्न भिन्न होती है। किसी माध्यम में ध्वनि की चाल माध्यम की प्रत्यास्थता तथा घनत्व पर निर्भर करती है
●ध्वनि की चाल सबसे अधिक ठोस , उसके बाद द्रव में ओर उसके बाद गैस में होती है।
●वायु में ध्वनि की चाल 332 m/s जल में 1483 m/s ओर लोहे में 5130 m/s होती है।
●जब ध्वनि एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है तो ध्वनि की चाल एवं तरंगदैर्घ्य बदल जाती है, जबकि आवृति नही बदलती है।
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