दाब(Pressure):-
यदि किसी सतह या क्षेत्रफल पर उसके लंबबत कोई बल लग रहा हो तो उस सतह के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते है दाब का S.I मात्रक पास्कल या N/m² होता है। इसे P से प्रदर्शित करते है
P=F/A
● दलदल में फंसे व्यक्ति को लेट जाने की सलाह दी जाती है ताकि उसके शरीर का अधिकांश भाग दलदल के संपर्क में आ सके और नीचे की ओर कम बल लगे।
● कील का निचला हिस्सा नुकीला बनाया जाता है ताकि उसका क्षेत्रफल कम हो जाये और कम बल लगे जिससे आसानी से डोकने से धस जाए।
P=F/A
● दलदल में फंसे व्यक्ति को लेट जाने की सलाह दी जाती है ताकि उसके शरीर का अधिकांश भाग दलदल के संपर्क में आ सके और नीचे की ओर कम बल लगे।
● कील का निचला हिस्सा नुकीला बनाया जाता है ताकि उसका क्षेत्रफल कम हो जाये और कम बल लगे जिससे आसानी से डोकने से धस जाए।
वायुमंडलीय दाब(Atmosphere pressure):-
पृथ्वी की सतह के एकांक क्षेत्रफल पर वायुमंडल की सभी परतों द्वारा गया दबाव ही वायुमंडलीय दाब कहलाता है। वायुमंडलीय दाब वह दाब होता है जो पारे के 76 सेमी. लंबे कॉलम के भार के बराबर होता है। इसका S.I मात्रक बार (bar) होता है। 1 bar = 10^5N/m² वायुदाब को सेमी. इंच या मिलीबार में व्यक्त किया जाता है।
● सागरतल पर औसत वायुदाब 29.92 इंच या 76 सेमी. या 1013.25 मिलीबार होता है।
● वायुमंडलीय दाब को बैरोमीटर से मापते है।
● जब बैरोमीटर का पाठ्यांक एकदम से नीचे गिरता है तो आंधी तूफान आने की संभावना होती है।
● जब बैरोमीटर का पाठ्यांक धीरे-धीरे नीचे गिरता है तो बारिश होने की संभावना होती है।
● जब बैरोमीटर का पाठ्यांक धीरे-धीरे ऊपर जाता है टी मौसम साफ रहने की संभावना रहती है।
● पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर वायुमंडलीय दाब का मान कम होता है। जिसकी वजह से पहाड़ो पर खाना पकाना पृथ्वी तल की अपेक्षा कठिन होता है।
● वायुमंडलीय दाब सभी क्षेत्रो में एक जैसा नही होता जिसका कारण है- ऊंचाई, तापमान, गुरुत्वाकर्षण
वायुमंडलीय दाब पर ऊंचाई क्या प्रभाव-
ऊंचाई बढ़ने के साथ-साथ वायुमंडलीय दाब का मान कम होता जाता है क्योंकि भारी वायु की परते नीचे रह जाती है। 5.4 किमी. ऊपर जाने पर वायुमंडलीय दाब आधा हो जाता है, 11 किमी. की ऊंचाई पर 25% रह जाता है तथा 25 किमी. की ऊंचाई पर जाने पर लगभग ना के बराबर रह जाता है।
वायुमंडलीय दाब पर तापमान का प्रभाव-
जिस स्थान पर तापमान अधिक होता है वहाँ हवा गर्म होकर फैल जाती है जिससे हवा का घनत्व कम हो जाता है औऱ वहाँ वायुमंडलीय दाब भी कम हो जाता है। तथा जिस स्थान पर तापमान कम होता है वहाँ हवा का घनत्व अधिक होता है तथा वायुमंडलीय दाब भी अधिक होता है।
भूमध्य रेखा पर वायुमंडलीय दाब कम होता है क्योंकि यहाँ सालभर सूर्य की किरणें पड़ती है। इसकी विपरीत ध्रुवो पर अधिक होता है।
जहाँ गुरुत्वाकर्षण का मान अधिक होता है वहाँ वायुमंडलीय दाब का मान भी अधिक होता है तथा जहाँ गुरुत्वाकर्षण का मान कम होता है वंहा वायुमंडलीय दाब का मान भी कम होता है
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